Mahavir Jayanti Quotes
महावीर जयंती जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। यह दिन अहिंसा, सत्य, और त्याग के सिद्धांतों को अपनाने का संदेश देता है। भगवान महावीर ने समाज को सत्य, अहिंसा और अपरिग्रह का मार्ग दिखाया। इस पावन अवसर पर लोग उनकी शिक्षाओं को आत्मसात करने और उनके बताए हुए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं।
महावीर जयंती पर उद्धरण (Mahavir Jayanti Quotes in Hindi)
महावीर स्वामी के 10 सर्वश्रेष्ठ अनमोल विचार

“अहिंसा परम धर्म है।”
“सभी जीवों के प्रति दया और करुणा रखो, यही सच्चा धर्म है।”
“किसी भी जीव को दुख न पहुंचाना ही सबसे बड़ी पूजा है।”

“क्रोध और घृणा आत्मा के शत्रु हैं, इन्हें त्यागो और प्रेम अपनाओ।”
“सत्य ही जीवन का असली मार्ग है, असत्य से दूर रहो।”
“जिसने अपनी इच्छाओं को जीत लिया, वही सच्चा विजेता है।”

“मनुष्य अपने कर्मों से महान बनता है, जन्म से नहीं।”
“स्वयं को जानना ही सच्चा ज्ञान है।”
“शांति भीतर से आती है, इसे बाहर मत खोजो।”
“हर आत्मा स्वतंत्र है, कोई किसी का दास नहीं।”
महावीर स्वामी की शिक्षाएँ
- अहिंसा (Non-Violence)
भगवान महावीर का सबसे महत्वपूर्ण संदेश अहिंसा है। उनका मानना था कि किसी भी प्राणी को कष्ट देना सबसे बड़ा पाप है। उन्होंने हमें सिखाया कि हर जीव के प्रति करुणा और दया रखनी चाहिए।
- सत्य (Truthfulness)
भगवान महावीर का दूसरा प्रमुख सिद्धांत सत्य है। उन्होंने कहा कि जीवन में हमेशा सत्य का पालन करना चाहिए। झूठ बोलने से न केवल दूसरों को नुकसान होता है, बल्कि हमारी आत्मा भी दूषित होती है।
- अपरिग्रह (Non-Possessiveness)
भगवान महावीर ने लोगों को त्याग और संतोष का पाठ पढ़ाया। उनका मानना था कि भौतिक वस्तुओं से अधिक जुड़ाव हमें दुख की ओर ले जाता है, इसलिए हमें मोह-माया से मुक्त रहना चाहिए।
- ब्रह्मचर्य (Celibacy)
महावीर स्वामी ने कहा कि ब्रह्मचर्य का पालन करने से मनुष्य की आत्मा पवित्र होती है। संयम और आत्मसंयम का पालन करने से जीवन में शांति और संतोष मिलता है।
अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाना
भगवान महावीर ने यह भी सिखाया कि किसी भी प्रकार के अन्याय को सहन न करें। उन्होंने सामाजिक समानता और न्याय का समर्थन किया और हर व्यक्ति को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने की प्रेरणा दी।
महावीर जयंती पर कैसे करें उत्सव?
- प्रार्थना और भक्ति
महावीर जयंती के दिन लोग जैन मंदिरों में प्रार्थना करते हैं और भगवान महावीर की शिक्षाओं का स्मरण करते हैं।
- दान और सेवा
इस दिन लोग जरूरतमंदों की सहायता करते हैं, भोजन वितरित करते हैं, और समाज में शांति और सद्भावना का संदेश फैलाते हैं।
सत्य और अहिंसा का पालन
महावीर जयंती के दिन लोग संकल्प लेते हैं कि वे जीवन में अहिंसा, सत्य और करुणा का पालन करेंगे।
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निष्कर्ष
महावीर जयंती केवल एक पर्व नहीं, बल्कि हमें भगवान महावीर के महान विचारों को आत्मसात करने का अवसर प्रदान करता है। उनके विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने कि हजारों साल पहले थे। यदि हम उनके सिद्धांतों को अपने जीवन में उतारें, तो निश्चित रूप से यह संसार एक बेहतर स्थान बन सकता है।