Quotes on Krishna In Hindi

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Quotes on Krishna

Lord Krishna, one of the most revered and adored deities in Hinduism, holds a prominent place not only in the hearts of his devotees but also in the realms of philosophy, art, and literature. As the eighth incarnation of Lord Vishnu, Krishna is known for his playful childhood stories, his divine teachings, and his profound influence on the Mahabharata, particularly through his dialogue in the Bhagavad Gita. He embodies the essence of love, wisdom, compassion, and the ultimate truth. Throughout history, many have sought solace, guidance, and inspiration through his words and actions.

In this article, we delve into the essence of Lord Krishna’s teachings, exploring how his divine wisdom resonates through the ages. The quotes attributed to Krishna are not only philosophical in nature but also spiritual, offering insights into how one can live a life of peace, love, and understanding. These timeless quotes have been passed down through generations, providing individuals with the strength to navigate life’s challenges while remaining grounded in their faith.

Here are some of the most famous and impactful quotes on Lord Krishna that capture his divine essence and the eternal wisdom he shares with the world.

भगवान श्री कृष्ण के सर्वोत्तम उद्धरण (10 Best Quotes by Krishna)

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“कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।”

“मनुष्य अपने विचारों से बनता है, जैसा वह सोचता है वैसा ही वह बन जाता है।”

“योग कर्मसु कौशलम्।”

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“सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।”

“जो व्यक्ति मेरी शरण में आता है, उसे कोई भी दुख नहीं होता।”

“आत्मा अमर है, ना इसका जन्म होता है और ना ही मृत्यु।”

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“तुम्हारे मन में जितनी शांति होगी, उतनी ही तुम्हारी शक्ति होगी।”

“जो समय में रहते हुए बिना इच्छा के कार्य करता है, वही सच्चा योगी है।”

“आपका जीवन आपके कर्मों का परिणाम है।”

“जो स्वयं को जानता है, वह भगवान को जानता है।”

कृष्ण के उद्धरण: जीवन की आध्यात्मिक दिशा

भगवान श्री कृष्ण के उद्धरण न केवल धर्म और आस्थाओं को प्रकट करते हैं, बल्कि वे जीवन के उद्देश्य और उसके उच्चतम स्तर को समझने में भी हमारी मदद करते हैं। उनके शब्दों में निहित ज्ञान हमें आत्मज्ञान की ओर प्रेरित करता है और यह सिखाता है कि जीवन में सच्ची सफलता और शांति पाना केवल परमात्मा की शरण में आकर ही संभव है।

भगवान श्री कृष्ण के उद्धरण: भक्ति का मार्ग

भगवान श्री कृष्ण के उद्धरण भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी शिक्षाएँ हमें यह बताती हैं कि भक्ति में ही हमारी मुक्ति और आत्मशांति का मार्ग निहित है। वे कहते हैं कि जब हम अपने हृदय में पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ भगवान को स्वीकार करते हैं, तो वही हमें सही मार्ग पर चलने की दिशा प्रदान करते हैं।

भगवान श्री कृष्ण के उद्धरण: योग और कर्म

भगवान श्री कृष्ण के योग और कर्म के बारे में दिए गए उद्धरण हमें यह सिखाते हैं कि आत्मा का उद्देश्य कर्म करने के माध्यम से सत्य की ओर बढ़ना है। वे यह स्पष्ट करते हैं कि कार्य बिना किसी आसक्ति के करना चाहिए, और परिणामों की चिंता से मुक्त रहना चाहिए। जब हम अपने कर्मों को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ करते हैं, तो यही असली योग है।

कृष्ण के उद्धरण: संघर्ष और संतुलन

भगवान श्री कृष्ण के उद्धरण हमें यह भी सिखाते हैं कि जीवन में संघर्ष अपरिहार्य है, लेकिन इसे संतुलित दृष्टिकोण से देखना चाहिए। वे हमें यह समझाते हैं कि हमें अपने कार्यों में समर्पण और ईश्वर पर विश्वास रखना चाहिए, फिर चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों। भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत के युद्ध में अर्जुन को यह संदेश दिया कि जीवन एक युद्ध है, लेकिन आत्मसमानता बनाए रखते हुए उसे सही दिशा में चलाना ही हमारी सफलता है।

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निष्कर्ष

भगवान श्री कृष्ण के उद्धरण न केवल जीवन के कर्तव्यों और संघर्षों के बारे में मार्गदर्शन देते हैं, बल्कि वे हमें आध्यात्मिक और मानसिक शांति की दिशा में भी प्रेरित करते हैं। उनके शब्द समय और स्थान से परे हैं, और वे आज भी हमें अपने जीवन के उद्देश्य को समझने और सही मार्ग पर चलने की शक्ति प्रदान करते हैं। श्री कृष्ण की शिक्षाएँ हमारे लिए केवल धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक अद्भुत कला और दर्शन के रूप में कार्य करती हैं।

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